श्री विश्वकर्मा चालीसा | Shri Vishwakarma Chalisa
॥दोहा॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान । श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥१॥ शिल्पाचार्य परम …
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॥दोहा॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान । श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥१॥ शिल्पाचार्य परम …
॥दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार । चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार ॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान । तट पर कर जप दान नर, पाते हैं …
पुराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी ब्रह्माण्ड में सबसे पवित्र नदी है। इसके साथ ही गंगा नदी को माँ गंगा या माँ गंगे के नाम से सम्मानित किया जाता है। शास्त्रों में …
॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करूं प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । आदिनाथ भगवान को, मन मन्दिर …
॥ दोहा ॥ सिर नवाइ बगलामुखी, लिखूं चालीसा आज ॥ कृपा करहु मोपर सदा, पूरन हो मम काज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग …
॥ चौपाई ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥१॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥२॥ शशि ललाट मुख महाविशाला । नेत्र लाल …
॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास । मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस ॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं । सब विधि करौ …
॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान । होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥ घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार । शीतल छइयां में झुलई, …
॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि । बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु । दुष्जनों के पाप को, …
॥ चौपाई ॥ शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय ॥१॥ कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ॥२॥ जय श्री शीतलनाथ गुणाकर, महिमा मंडित करुणासागर ॥३॥ भाद्दिलपुर के दृढरथ राय, …