श्री ललिता चालीसा | Shri Lalita Chalisa
॥ चौपाई ॥ जयति जयति जय ललिते माता । तव गुण महिमा है विख्याता ॥१॥ तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी । सुर नर मुनि तेरे पद सेवी ॥२॥ तू कल्याणी कष्ट निवारिणी । …
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॥ चौपाई ॥ जयति जयति जय ललिते माता । तव गुण महिमा है विख्याता ॥१॥ तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी । सुर नर मुनि तेरे पद सेवी ॥२॥ तू कल्याणी कष्ट निवारिणी । …
॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर । ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर । भक्त हेतु वितरण …
॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्बा फल, पिताम्बर शुभ साज ॥ जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज । करहु कृपा हे रवि …
॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल । वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी । दुष्ट दलन लीला अवतारी …
॥ दोहा ॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान । महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण ॥ सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार । बरनौ श्रीगिरिराज यश, निज मति के …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि । सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि ॥ बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार । बरणों परशुराम सुयश, निज मति …
॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन, मंगल करन कृपालु । करहु दया जि दास पे, निशिदिन दीनदयालु ॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर नयन विशाला । श्याम वर्ण, वपु महा कराला …
॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान । भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान ॥ बटुकनाथ भैरव भजू, श्री काली के लाल । छीतरमल पर कर कृपा, काशी …
॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय, सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूँ, दीजै ज्ञान बताय ॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी । कष्ट नशावन अखिल बिहारी ॥१॥ प्रबल …
॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल । करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल ॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम । विश्वविधाता कीजिये, जन पै …