श्री बटुक भैरव चालीसा | Shri Batuk Bhairav Chalisa
॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान । भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान ॥ बटुकनाथ भैरव भजू, श्री काली के लाल । छीतरमल पर कर कृपा, काशी …
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॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान । भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान ॥ बटुकनाथ भैरव भजू, श्री काली के लाल । छीतरमल पर कर कृपा, काशी …
॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय, सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूँ, दीजै ज्ञान बताय ॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी । कष्ट नशावन अखिल बिहारी ॥१॥ प्रबल …
॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल । करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल ॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम । विश्वविधाता कीजिये, जन पै …
॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी …
॥ दोहा ॥ अलख निरंजन आप हैं, निरगुण सगुण हमेश । नाना विधि अवतार धर, हरते जगत कलेश ॥ बाबा गंगारामजी, हुए विष्णु अवतार । चमत्कार लख आपका, गूँज उठी जयकार ॥ …
॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय । प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय ॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार । वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज …
॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रनधीर । बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर ॥ जय जय जय चौहान, वन्स गूगा वीर अनूप । अनंगपाल को जीतकर, आप बने …
॥ दोहा ॥ बंदौं वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान । पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान ॥ मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास । ताते …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द । श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चैपाई छन्द ॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा । सहज ही हो भवसागर पारा …
॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । महावीर भगवान को, मन-मन्दिर में धार …