श्री शालिग्राम जी की आरती | Shri Shaligram Ji Ki Aarti
शालिग्राम सुनो विनती मेरी । यह वरदान दयाकर पाऊं ॥ प्रात: समय उठी मंजन करके । प्रेम सहित स्नान कराऊँ ॥ चन्दन धुप दीप तुलसीदल । वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥ …
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शालिग्राम सुनो विनती मेरी । यह वरदान दयाकर पाऊं ॥ प्रात: समय उठी मंजन करके । प्रेम सहित स्नान कराऊँ ॥ चन्दन धुप दीप तुलसीदल । वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥ …