श्री भूमि माता चालीसा | Shri Bhumi Mata Chalisa
॥ दोहा ॥ धरा धर्म हित कर्म कर, जीवन मनुज सुधार । ब्रह्मा संरक्षण भू का किए, भव जीवन आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ प्रथम नमन करता हे गजमुख । वीणापाणि शारद …
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॥ दोहा ॥ धरा धर्म हित कर्म कर, जीवन मनुज सुधार । ब्रह्मा संरक्षण भू का किए, भव जीवन आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ प्रथम नमन करता हे गजमुख । वीणापाणि शारद …
॥ दोहा ॥ श्री वामन शरण जो आयके, धरे विवेक का ध्यान । श्री वामन प्रभु ध्यान धर, देयो अभय वरदान ॥ संकट मुक्त निक राखियो, हे लक्ष्मीपति करतार । चरण शरण …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान । बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण ॥ विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान । मेंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद सुमरण करूं, गौरी नंदन ध्याय । वरणो माता जीण यश, चरणों शीश नवाय ॥ झाँकी की अदभुद छवि, शोभा वर्णी न जाय । जो नित सुमरे …
॥ दोहा ॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि । होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै कामाख्या महारानी । दात्री सब सुख …
॥ दोहा ॥ प्रियसंग क्रीड़ा करत नित, सुखनिधि वेद को सार । दरस परस ते पाप मिटे, श्रीकृष्ण प्राण आधार ॥ यमुना पावन विमल सुजस, भक्तिसकल रस खानि । शेष महेश वदंन …
॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम । राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम । मन मन्दिर बासा करें …
॥ दोहा ॥ अपना मस्तक काट कर, लीन्ह हाथ में थाम । कमलासन पर पग तले, दलित हुए रतिकाम ॥ जगतारण ही काम है, रजरप्पा है धाम । छिन्नमस्तका को करूं, बारंबार …
॥ दोहा ॥ मनसा माँ नागेश्वरी, कष्ट हरन सुखधाम । चिंताग्रस्त हर जीव के, सिद्ध करो सब काम ॥ देवी घट-घट वासिनी, ह्रदय तेरा विशाल । निष्ठावान हर भक्त पर, रहियो सदा …
॥ दोहा ॥ मास वैशाख कृतिका युत, हरण मही को भार । शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन, लियो नरसिंह अवतार ॥ धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम । तुमरे सुमरन से प्रभु, …