श्री पितर चालीसा | Shri Pitar Chalisa
॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको, दे दियो आशीर्वाद । चरणाशीश नवा दियो, रखदो सिर पर हाथ ॥ सबसे पहले गणपत, पाछे घर का देव मनावा जी । हे पितरेश्वर दया राखियो, …
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॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको, दे दियो आशीर्वाद । चरणाशीश नवा दियो, रखदो सिर पर हाथ ॥ सबसे पहले गणपत, पाछे घर का देव मनावा जी । हे पितरेश्वर दया राखियो, …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि, गिरा गनेश मनाय । कथूं रामदेव विमल यश, सुने पाप विनशाय ॥ द्वार केश से आय कर, लिया मनुज अवतार । अजमल गेह बधावणा, …
॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥१॥ सिंहवाहिनी जै …
॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ …
॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती, सत्यवती सुखदानी । नमो नमो हरि प्रेयसी, श्री वृन्दा गुन खानी ॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब । जनहित हे वृन्दावनी अब …
॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन …
॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ॥ ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता । वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥१॥ …
॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब । देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥ जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द । काली चालीसा रचत एक …
॥दोहा॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम …
॥दोहा॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार । राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार ॥ काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार । शरण गहि करूणामई, सुख …