November 21, 2024

श्री हनुमान चालीसा | Shri Hanuman Chalisa

श्री हनुमान चालीसा का पाठ दिन मंगलवार, बूढ़े मंगलवार, शनिवार पूजा, श्री राम नवमी, हनुमान जयंती, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से किया जाने वाला …

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श्री राम चालीसा | Shri Ram Chalisa

॥ दोहा ॥ आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं । वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं ॥ बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम् । पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं ॥ ॥ …

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श्री शिव चालीसा | Shri Shiv Chalisa

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥१॥ …

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श्री गणेश चालीसा | Shri Ganesh Chalisa

॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः …

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श्री दुर्गा मां की आरती | Shri Durga Maa Ki Aarti

ॐ जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी, तुम को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी । ॐ जय अम्बे… मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को, उज्जवल से दो नैना चन्द्र बदन नीको …

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श्री काली मां की आरती | Shri Kali Maa Ki Aarti

मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ॥ सुन जगदम्बे कर न विलम्बे, सन्तन के भण्डार भरे । …

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माता पार्वती जी की आरती | Mata Parvati Ji Ki Aarti

जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रम्हा सनातन देवी शुभ फल की दाता ॥ जय पार्वती… अरिकुलापदम विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता ॥ जय पार्वती… सिंह को …

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माँ लक्ष्मी जी की आरती | Maa Lakshmi Ji Ki Aarti

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॥ …

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ब्रह्मा जी की आरती | Brahma Ji Ki Aarti

पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो । जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो । सब भॉति सदा सुखदायक हो, दुख निर्गुण नाशन हरे …

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विष्णु जी की आरती | Vishnu Ji Ki Aarti

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ॥ भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का ॥ सुख सम्पति घर आवे, कष्ट …

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