श्री प्रेतराज चालीसा | Shri Pretraj Chalisa
॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय । प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय ॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार । वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज …
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॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय । प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय ॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार । वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज …
॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रनधीर । बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर ॥ जय जय जय चौहान, वन्स गूगा वीर अनूप । अनंगपाल को जीतकर, आप बने …
॥ दोहा ॥ बंदौं वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान । पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान ॥ मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास । ताते …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द । श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चैपाई छन्द ॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा । सहज ही हो भवसागर पारा …
॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । महावीर भगवान को, मन-मन्दिर में धार …
॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको, दे दियो आशीर्वाद । चरणाशीश नवा दियो, रखदो सिर पर हाथ ॥ सबसे पहले गणपत, पाछे घर का देव मनावा जी । हे पितरेश्वर दया राखियो, …
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि, गिरा गनेश मनाय । कथूं रामदेव विमल यश, सुने पाप विनशाय ॥ द्वार केश से आय कर, लिया मनुज अवतार । अजमल गेह बधावणा, …
॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥१॥ सिंहवाहिनी जै …
॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ …
॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती, सत्यवती सुखदानी । नमो नमो हरि प्रेयसी, श्री वृन्दा गुन खानी ॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब । जनहित हे वृन्दावनी अब …