श्री राधा चालीसा | Shri Radha Chalisa
॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ …
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॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ …
॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती, सत्यवती सुखदानी । नमो नमो हरि प्रेयसी, श्री वृन्दा गुन खानी ॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब । जनहित हे वृन्दावनी अब …
॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन …
॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ॥ ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता । वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥१॥ …
॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब । देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥ जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द । काली चालीसा रचत एक …
॥दोहा॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम …
॥दोहा॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार । राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार ॥ काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार । शरण गहि करूणामई, सुख …
॥दोहा॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान । श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥१॥ शिल्पाचार्य परम …
॥दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार । चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार ॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान । तट पर कर जप दान नर, पाते हैं …
पुराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी ब्रह्माण्ड में सबसे पवित्र नदी है। इसके साथ ही गंगा नदी को माँ गंगा या माँ गंगे के नाम से सम्मानित किया जाता है। शास्त्रों में …