श्री सूर्य देव चालीसा | Shri Surya Dev Chalisa
॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग । पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग ॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर ॥१॥ भानु …
My WordPress Blog
॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग । पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग ॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर ॥१॥ भानु …