श्री यमुना चालीसा | Shri Yamuna Chalisa
॥ दोहा ॥ प्रियसंग क्रीड़ा करत नित, सुखनिधि वेद को सार । दरस परस ते पाप मिटे, श्रीकृष्ण प्राण आधार ॥ यमुना पावन विमल सुजस, भक्तिसकल रस खानि । शेष महेश वदंन …
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॥ दोहा ॥ प्रियसंग क्रीड़ा करत नित, सुखनिधि वेद को सार । दरस परस ते पाप मिटे, श्रीकृष्ण प्राण आधार ॥ यमुना पावन विमल सुजस, भक्तिसकल रस खानि । शेष महेश वदंन …