November 21, 2024

श्री गोपाल चालीसा | Shri Gopal Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल । वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी । दुष्ट दलन लीला अवतारी …

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