श्री छिन्नमस्ता चालीसा | Shri Chinnamasta Chalisa
॥ दोहा ॥ अपना मस्तक काट कर, लीन्ह हाथ में थाम । कमलासन पर पग तले, दलित हुए रतिकाम ॥ जगतारण ही काम है, रजरप्पा है धाम । छिन्नमस्तका को करूं, बारंबार …
My WordPress Blog
॥ दोहा ॥ अपना मस्तक काट कर, लीन्ह हाथ में थाम । कमलासन पर पग तले, दलित हुए रतिकाम ॥ जगतारण ही काम है, रजरप्पा है धाम । छिन्नमस्तका को करूं, बारंबार …