ॐ जय यमुना माता, श्री जय यमुना माता ।
जो नर तुमको ध्याता…, सब सुख है पाता ॥
ॐ जय यमुना माता
ॐ जय यमुना माता, श्री जय यमुना माता ।
जो नर तुमको ध्याता…, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय यमुना माता
पावन श्रीयमुना जल अगम बहै धारा ।
मैया अगम बहै धारा ॥
ॐ जय यमुना माता
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे ।
मैया नित्य स्नान करे ॥
यम की त्रास न पावे, यम की त्रास न पावे ।
जो नित्य ध्यान करे ॥
ॐ जय यमुना माता
महिमा इस कलिकाल में, तुम्हरी अटल रही ।
मैया तुम्हरी अटल रही ॥
तुम्हरौ बड़ा महातम, तुम्हरौ बड़ा महातम ।
चारो वेद कही ॥
ॐ जय यमुना माता
नीर तुम्हारे माता, प्रभु अवतार लियो ।
मैया प्रभु अवतार लियो ॥
नित्य निर्मल जल पीकर, नित्य निर्मल जल पीकर ।
कंस को मार दियो ॥
ॐ जय यमुना माता
नमो मात भय हरणी, शुभ मंगल करणी ।
मैया शुभ मंगल करणी ॥
मन ‘बेचैन’ भयो है, मन ‘बेचैन’ भयो है ।
तुम बिन वैतरणी ॥
ॐ जय यमुना माता
जो यमुना जी की आरती प्रेम सहित गावे ।
मैया प्रेम सहित गावे ॥
बहु धन धान्य भरे घर, बहु धन धान्य भरे घर ।
सुख समृधि आवे ॥
ॐ जय यमुना माता
ॐ जय यमुना माता, श्री जय यमुना माता ।
जो नर तुमको ध्याता…, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय यमुना माता
ॐ जय यमुना माता, श्री जय यमुना माता ।
जो नर तुमको ध्याता…, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय यमुना माता
॥ इति श्री यमुना आरती संपूर्णम् ॥