श्री कैला देवी चालीसा | Shri Kaila Devi Chalisa
॥ दोहा ॥ जय जय कैला मात है तुम्हे नमाउ माथ । शरण पडू में चरण में जोडू दोनों हाथ ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय कैला महारानी । नमो नमो …
My WordPress Blog
॥ दोहा ॥ जय जय कैला मात है तुम्हे नमाउ माथ । शरण पडू में चरण में जोडू दोनों हाथ ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय कैला महारानी । नमो नमो …
॥ दोहा ॥ वन्दो वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात । ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात ॥ ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार । ज्ञान ध्यान देही मोही देहु भक्ति सुकुमार …
॥ दोहा ॥ नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड । दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ॥ मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत । मेरी भी पीड़ा …
॥ चौपाई ॥ पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं । कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं ॥१॥ कौन है माता, पिता कौन है, ये न किसी ने …
॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान । शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥ आनन्दमयी जगदम्बिका, अनन्त रूप भण्डार । माँ शाकम्भरी की कृपा, बनी रहे हर बार …
॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज । माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी । आदि शक्ति तुम जग कल्याणी …
॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे, शम्भु प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती, अम्बे! शक्ति! भवानि ॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे । पंच बदन नित तुमको ध्यावे …
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम । काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी । कलि काल मे शुभ कल्याणी ॥१॥ मणि …
॥ चौपाई ॥ जयति जयति जय ललिते माता । तव गुण महिमा है विख्याता ॥१॥ तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी । सुर नर मुनि तेरे पद सेवी ॥२॥ तू कल्याणी कष्ट निवारिणी । …
॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर । ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर । भक्त हेतु वितरण …